मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी की अपील पर...
डॉ अमर हक की अगुवाई में लोगों ने दिल खोल की इमदाद
सहारनपुर। पंजाब में सैलाब ने जो तबाही मचाई उस पसमंजर से कोई नावाकिफ नहीं है। हालात इतने बदतरीन हो गए कि लोगों को न सिर्फ अपनी जान का नुकसान उठाना पड़ा बल्कि उनके तमाम कारोबार, खेत खलिहान और मवेशी तक भी न बच सके किसी तरह करीब 1700 गांवों की आबादी ने छतों पर चढ़कर अपनी जान बचाई ज्यादातर तो मकानात भी पानी ने तबाह कर दिए, ये सब बेहद खौफनाक था और पंजाब जो मुल्क में सबसे ज्यादा अनाज उगाता है वो देखते ही देखते बर्बाद हो गया यहां तक कि लोगों के पास कुछ भी नहीं बचा ना खाना न कपड़े और न ही पैसे। हंसता खेलता पंजाब तकरीबन खत्म हो गया उसपर भी सरकारों की लापरवाही कि सैलाब के कई दिनों बाद तक भी हुकूमत की तरफ से आवाम के लिए ज़रूरी इंतेज़ाम न किए जा सके। वो तो आवाम ने हौंसला दिखाया और खुद ही सैलाब से लड़ते रहे आखिरकार मदद के लिए बहुत सारे लोग और तंजीम आगे बढ़े जिससे जो बन पड़ा उसने वो किया। शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने मदद करने वाले लोगों और तंजीमों की रहनुमाई करते हुए बज़ाते खुद सैलाब से सराबोर इलाकों में पहुंचकर मदद शुरू की। मौलाना उस्मान लुधियानवी की यह पहल देखते ही देखते एक नज़ीर बनकर उभरी और मुल्क के तमाम हिस्सों से लोग उठ खड़े हुए।
ऐसा नहीं कि किसी ओर तंजीम या शख्स ने मदद की शुरआत न की हो लेकिन हकीकतन जब शाही इमाम पंजाब ने कमान संभाली तो ये सिलसिला एक काफिला बन गया। जिसकी बानगी यहां सहारनपुर में भी देखने को मिली। शाही इमाम पंजाब मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी की अपील पर मुसलमान एकसाथ उठ खड़े हुए और देवबंद तक से मदद का काफिला लेकर पहुंच गए जो लगातार जारी है जहां खाताखेड़ी जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में भी इसकी बानगी देखने को मिली और मुजफ्फरी मस्जिद पर जुमा के दिन नौजवानों बुजुर्गों और बच्चों ने पूरा दिन मशक्कत के साथ इलाके के घर घर जाकर मदद जुटाई। इस मदद में हर आमोखास ने हिस्सा लिया और खूब मेहनत का ये सिलसिला सुबह 9 बजे शुरू होकर ईशा की अज़ान तक लगातार चलता रहा जिसके नतीजे में खासी रकम और खाने पीने समेत तमाम जरूरत के सामान इकट्ठा हो गया। मुज़फ़्फ़री मस्जिद पर इमदादी तंजीम की अगुवाई कर रहे इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के कौमी सदर डॉक्टर अमर हक राणा ने बताया कि कई लाख रुपए और भारी तादाद में लोगों ने जरूरत के सामान मुहैया कराए हैं जिसके लिए वो मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी और इलाके की आवाम का शुक्रिया अदा करना चाहते हैं और लोगों की जिंदादिली को सलाम करते हैं, डॉक्टर अमर राणा ने बताया कि यह रकम और सामान सिर्फ इस मस्जिद पर इकट्ठा नहीं हो रहा बल्कि पूरी खाताखेड़ी वुडन सिटी में अलग अलग जिम्मेदार इस काम को अंजाम दे रहे हैं और सब अलग अलग कोशिशें कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह इलाका लकड़ी के काम के लिए मशहूर है लेकिन हकीकत ये है कि इस इलाके में 90 फीसदी लोग कारीगर और मजदूर रहते हैं जिन्होंने इतना हौंसला दिखाया और मदद के लिए आगे आए, पूरी रकम के सवाल पर डॉक्टर अमर ने कहा कि अलग अलग मस्जिदों में इंतजामिया अलग अलग कोशिश कर रही हैं सबका डाटा अभी मौजूद नहीं है लेकिन जल्द ही पता चल जाएगा कि पूरी खाताखेड़ी वुडन सिटी से कितनी मदद इकट्ठा हुई है। उन्होंने बताया कि अब इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन फार्मासिस्ट वॉयस की टीम बाढ़ पीड़ित लोगों के लिए दवाओं का इंतज़ाम कर रही है और जल्द वहां जाकर अलग अलग टीम बनाकर कैंप के ज़रिए लोगों को दवाएं भी दी जाएंगी।
बहरहाल जो भी हो मुसलमानों की तरफ से मदद की यह कोशिश अब इतनी तेज़ी से परवान चढ़ रही है कि हुए नुकसान की भले ही भरपाई न हो पाए मगर पंजाब को यह अहसास ज़रूर होगा कि जैसे वो हर जरूरतमंद के लिए हमेशा खड़े होते हैं ऐसे ही मुस्लिम भी उनके लिए इंसानियत को बचाने के लिए खड़े हैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ा है वो खुद को तनहा महसूस न करें।