पार्षद मंसूर बदर की अगुवाई में अन्य पार्षदों ने उठाई आवाज़
सहारनपुर। "लीकेज टेंडर" में आये दिन शर्तो को बदला जा रहा है पूरे नगर के लिए L1 यानी एक ठेकेदार को ही पूरे नगर का लीकेज का कार्य करना था, लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से दो ठेकेदारों के समान दर करने और मिलीभगत से 5%से कम पर टेंडर डालने से निगम को साढ़े तीन करोड़ की आर्थिक हानि देने और L1 के साथ L2 करने की पार्षदो ने मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश/नगर विकास मंत्री/प्रमुख सचिव नगर विकास और मंडलायुक्त से शिकायत की है।
नगर निगम सहारनपुर का जलकल विभाग में "लीकेज टेंडर" के नाम पर रोज नए खेल हो रहे है पार्षद मन्सूर बदर और पार्षदो ने इस अनियमिता की शिकायत सदन में/आयुक्त महोदय/मेयर/नगर आयुक्त से की थी जिसमे पार्षदो ने बताया था कि पिछले ढाई सालों से 44% कम की दर से लीकेज टेंडर चल रहा है और मात्र 11 ठेकेदारो को लाभ देने के लिए 10 से 12 करोड़ का भुगतान हर साल किया जा रहा है जबकि 1 भी लीकेज का भौतिक सत्यापन नही किया जाता महाप्रबंधक जल ने इस 10 से 12 करोड़ के व्यय को कम कर 2 करोड़ व्यय का 1 वर्ष के वित्तीय व्यय का टेंडर दिनांक30.12.21 को और 21 अप्रैल 22 को निकाला था जिसमे शर्त नंबर 3 में "निविदा के साथ 20 लाख के पाइप लाइन डालने का अनुभव मांगा था,लेकिन 21 अप्रैल 22 को इस कार्य मे 2 टेंडर आये लेकिन उनकी फाइनेंशियल बिड नही खोली गई क्योकि वो टेंडर प्रतिस्पर्धा के थे 11 मई 22 को जलकल विभाग ने फिर टेंडर निकाला और पूर्व की पत्रावली 470 B/1 में शर्त नंबर 3 को बिना नगर आयुक्त से अनुमोदन लिए बदल दिया और शर्त 3 में "निविदा के साथ 25 लाख रुपये की पाइप लाइन लीकेज के अनुभव "का प्रमाण पत्र मांगा क्योकि यह अनुभव ढ़ाई साल से काम कर रहे 11 ठेकेदारों पर ही था इससे इस टेंडर में कॉम्पटीशन से बचा जा सके जो कि नियमो के सरासर विरुद्ध है पार्षदो ने पत्र के माध्यम से कहा कि 11 मई 22 के टेंडर को निरस्त करना नियमो के अनुरूप था लेकिन कर्मचारियों की मिलभगत से इस टेंडर को डलवाया और खुलवाया गया और टेंडर में 2 ठेकेदारों के रेट समान आये जो जांच का विषय है? ढाई सालों से लीकेज का काम 44% कम की दर से चल रहा था जबकि इस बार इस टेंडर का रेट 5%से भी कम आया है इस बार जलकल मरम्मत का बजट 8 करोड़ रखा गया है यदि इस टेंडर पर कॉम्पटीशन होता तो यह टेंडर पूर्व की दर यानी 44%भी आता तो नगर निगम को साढ़े तीन करोड़ की बचत होती और ठेकेदार को साढ़े तीन करोड़ P.G(परफॉर्मेंस गारंटी)के तौर पर निगम में बंधक कराने होते पार्षदो ने यह भी मांग रखी कि इस टेंडर को तुरंत निरस्त का पिछले ढाई सालों में हुई लीकेज का भौतिक सत्यापन किसी स्वतंत्रत एजेंसी से करवाया जाए जिसमें सच सामने आ जायेगा पार्षदो में शहज़ाद मलिक, सईद सिद्दीकी,डॉक्टर अहसान शामिल रहे।