पप्पू यादव के खिलाफ कार्यवाही बिहार सरकार की बौखलाहट: चन्द्र शेखर यादव

 सहारनपुर। बिहार के दिग्गज समाजवादी नेता पूर्व सांसद पप्पू यादव के खिलाफ हुई कार्यवाही पर समाजवादी लोहिया वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्र शेखर यादव ने सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि बिहार में जनविरोधी सरकार है जो जनता के सच्चे सेवकों पर निंदनीय कार्यवाही में जुटी हुई है।



उन्होंने कहा कि बिहार की माटी के लाल पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की कार्यशैली और संघर्ष ही उनकी पहचान है। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने त्रासदी के इस बुरे दौर में एक सच्चे नायक के तौर पर जनप्रतिनिधि होने का फर्ज निभाया और आम आदमी के दुख दर्द को बांट लिया।पिछले साल से लेकर आज तक लाॉकडाउन से प्रभावित अधिकांश लोगों की हर स्तर पर मदद करने वाले पप्पू यादव आज बिहार की सत्ता और सत्तारूढ़ दल के शासकों की आंखों की किरकिरी बन चुके है क्योंकि उन्होंने न केवल बिहार बल्कि केंद्र सरकार के भी कुछ जिम्मेदार मंत्रियों की पोल खोल कर रख दी है। भाजपा सरकार के मंत्री राजीव प्रताप रूढी सहित बिहार स्वास्थ्य विभाग की काली करतूतों को उजागर करने के चलते उनपर झूठे मुकदमे दर्ज किये गए जब भी बात नहीं बनी तो 32 साल पुराने मामले का हवाला देकर आधी रात में ही कोर्ट की सुनवाई पूरी कर उन्हे जेल भेज दिया गया।

चन्द्र शेखर यादव ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटना,विपक्ष की बोलती बंद करना ये सब सरकार के गिरते मनोबल का परिचायक है।सरकार चंहु और अपनी गलत रीती-नीति के चलते कटघरे में खडी है।आम जन से लेकर छात्र,गरीब मजदूर किसान पूरी तरह से त्रस्त हो चुका है।महामारी के दौर में महंगाई,कालाबाजारी ने गरीब की कमर तोड दी है।सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए कभी बिकाऊ मीडिया तो कभी आई.टी सेल का सहारा लेकर जनता को गुमराह कर रही है।देश में नैशनल इमरजेंसी जैसे हालात भाजपा सरकार के ताबूत में आखरी कील साबित होंगे।ऐसे में संपूर्ण विपक्ष को संगठित होकर इस तानाशाही का मुँह तोड जवाब देना होगा और रोती बिलखती लाचार जनता के दुख को बांटना होगा।

उन्होंने कहा कि देश का स्वास्थ्य तंत्र चौपट है चुका है संसाधनो के अभाव में गरीब बिमारी से मर रहे है लाॉकडाउन की मार से भुखमरी से मर रहे है,अपनो को खोने के डर कुछ भय में मर रहें है।लाशों को गंगा में बहाया जा रहा है,गंगा भी अपनी दुर्दशा पर रुदन मचा रही है।बच्चे अनाथ होकर दर दर भटकने को मजबूर है।देश सुलग रहा है सत्तानशी लाशों पर राजनीति कर रहे है।शासक मौन है।