उम्मीद है कि आप स्वस्थ हैं और अपने तथा अपने परिवारजनों के स्वास्थ्य को लेकर पूरी सजगता भी बरत रहे हैं। विश्वास रखिये कि आपकी सजगता के कारण जल्दी ही हम नॉवल कोरोना वायरस के ख़तरे से मुक्त होंगे ।
आज यह समस्या केवल एक राज्य की नहीं , न ही एक देश की बल्कि पूरे विश्व की समस्या है ,जिसने पूरे देश को झकझोर के रख दिया है। यदि आज और अभी से हम इसे गंभीरता से नहीं लेंगे तो यह समस्या हमारे विकसित समाज जैसी भविष्य संकल्पना में बाधा उत्पन करेगी, क्योंकि आज़ादी के 72 वर्ष पूरे होने के बाद हम विकास पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं – चाहे देश में गरीबी या बेरोजगारी हो या धर्म- जाति जैसी रूढ़िवादिता हो या फिर कई अनेकों आंतरिक मामलों जैसी समस्या क्यों ना हो , परन्तु इन सभी समस्याओं के होते हुए भी देश प्रगति की और अग्रसर है ।
आज देश में कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन करने की घोषणा कर दी है , जिससे सामाजिक दुरस्था बनाई जा सके और वायरस फैलने से रोफा जा सके,लेकिन बात इतनी सीधी भी नहीं है कि आज समाज के जिममेदार विद्वान नागरिक राशन और सब्जियों की दुकान पर भीड़ लगाएं खडे हैं।
आज देश के विद्वान नागरिक आवश्यकता से अधिक सामान एकत्रित करने में अपना दायित्व निभा रहे हैं। सत्य की बात की जाए तो में नहीं जानता कि क्या यह सब सही है या नहीं? यह बात आपको समझनी है कि क्या सही है और क्या ग़लत।
सत्य यह है कि आज हम सभी अपने ऊपर किसी भी समस्या के आने पर अपने अधिकारों की बात करने लगते हैं परन्तु मौलिक कर्तव्यो की और कोई ध्यान नहीं देता है जबकि अधिकार और कर्तव्य दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
आज हमारे सामने समस्या या चुनौती केवल कॉरोना वायरस से निजात पाने की ही नहीं है बल्कि समस्या यह है कि क्या हम भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार करेंगे ? यह बात गंभीरता से समझने की है कि एक वायरस ने पूरे देश को इस प्रकार झकझोरा की पूरी अर्थवयवस्था , शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था को हिला कर रख दिया है ।
अत: मेरी देश के सभी नागरिकों से यह अपील है कि हम सब अपने अधिकारों की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों की और अभिमुख होंगे , क्योंकि यह जिममेदारी केवल सरकार या प्रशासन की ही नहीं बल्कि हम सभी नागरिकों की भी हैं।
आइए हम सब संकल्प करते है की हम देश की प्रगति और विकास में अपना योगदान निभाएं।